sangeet ka safar
Happy brithday on 28 sep 2011
मैं ट्रेन से जाता था, वो गाड़ियों में घूमती थी...
हिंदी सिनेमा जगत के सदाबहार अभिनेता देव आनंद पर न जाने कितनी ही लड़कियों का दिल आया होगा, न जाने कितनी ही लड़कियों को उनसे प्यार हुआ होगा, लेकिन खुद देव आनंद को पहली बार प्यार हुआ अपने ज़माने की मशहूर अभिनेत्री और गायिका सुरैया से.
बीबीसी के साथ एक खास बातचीत में देव साहब ने बताया, ''सुरैया एक बहुत बड़ी स्टार थी. मैं तो ट्रेन में जाता था, वो लिमोज़ीन जैसी बड़ी गाड़ियों में घूमती थी. लेकिन उन्हें मुझमें कुछ खास दिखा और वो अपना दिल मुझे दे बैठीं.''
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देव साहब आगे कहते हैं, ''मैं और सुरैया एक दुसरे से शादी करना चाहते थे, लेकिन सुरैया के माता पिता को ये रिश्ता मंज़ूर नहीं था. मैं ये रिश्ता टूटने पर अपने भाई के कंधे पर सिर रख कर खूब रोया था.''
26 सितंबर, 2011 को अपना 88वां जन्मदिन मना रहे देव साहब कहते हैं, ‘’यही तो ज़िन्दगी है, आपको अच्छे बुरे सब तरह के दिन दिखाती भी है और सिखाती भी है.’’
देव आनंद कहते हैं कि मैं अपनी उम्र के बारे में तब तक नहीं सोचता जब तक कोई मुझसे मेरी उम्र पूछे न ले. साथ ही वो ये भी कहते हैं कि उनकी उम्र भले ही 88 की हो गयी हो लेकिन उनका दिल तो अब भी जवान है.
फ़िल्ममेकर देवआनंद
देव साहब को 60 वर्षों से ज़्यादा हो गया है फ़िल्में बनाते हुए. वो कहते हैं, ‘’जब मैं कोई फ़िल्म बनाता हूं तो बस उस फ़िल्म के अलाव मुझे कुछ नहीं सूझता.’’
साथ ही वो कहते हैं, ''फ़िल्में एक बहुत ही युवा माध्यम है और फ़िल्में बनाने के लिए आपको अपनी सोच को भी जवान रखना ज़रूरी होता है. और अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो आपको फ़िल्में बनाना छोड़ देना चाहिए.''
देव आनंद की नई फ़िल्म चार्जशीट जल्द ही सिनेमाघरों में होगी. इस फ़िल्म में वो ख़ुद मुख्य भूमिका में हैं. साथ ही इस फ़िल्म के निर्माता और निर्देशक भी देव आनंद ही हैं.
करियर
देव आनंद 19 वर्ष की आयु में अभिनेता बनाने के लिए पंजाब के गुरदासपुर से मुंबई आ गए थे.
देव साहब कहते हैं कि मुंबई में करीब दो साल उन्होंने कड़ी मेहनत की, कई दिन भूखे भी रहे, लेकिन उनका अभिनेता बनने का इरादा पक्का था, इसलिए उन्होंने हार नहीं मानी. और एक बार जब वो क़ामयाब हुए तो उन्होंने कभी पीछे पलट कर नहीं देखा.
देव आनंद कहते हैं कि जब आप अपनी मेहनत और परिश्रम से कामयाबी की सीढियां चढ़ते हैं तो कोई आपको नीचे नहीं धकेल सकता.
साथ ही देव साहब कहते हैं, ''अगर आपको अपने काम का नशा है तो आप ज़रूर कामयाब होगे. आज भी मैं जब कोई फ़िल्म बनता हूं तो सेट्स पर सबसे पहले आता हूं और आखिर में घर जाता हूं. मुझे अपने काम से प्यार है. मैं भविष्य की सोचता हूं और मैं अपने काम से कभी नहीं थकता.''