तलत महमूद का गाया हुआ एक दुर्लभ और मधुर गैर फिल्मी गीत
मखमली आवाज के मालिक तलत महमूद साहब के लिये कुछ कहने की जरूरत है? मुझे लगता है शायद उनकी लिये यहाँ कुछ शब्दों में लिखना बड़ा मुश्किल होगा। आपके लिये उनकी मधुर आवाज में एक दुर्लभ पेश है। यह गैर फिल्मी गीत है और इसका संगीत दिया है दुर्गा सेन ने और इसे लिखा है फ़ैयाज़ हाशमी ने। इसे डाउनलोड करने से पहले आप अगर सुनना चाहें तो नीचे दिये लिंक पर जा कर सुन भी सकते है।
http://mahaphil.blogspot.com/2008/09/blog-post.html
Music : Durga Sen
Lyric : Faiyyaz Hashmi
Bit Rate: 128 Kbps
oroginal File Size : 2.66Mb
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एक नया अनमोल जीवन मिल गया, मिल गया
हार की बांहे गले में पड़ गई
क्या हुआ गर चार आँखे लड़ गई
क्या गया गर दिल के बदले दिल गया
एक नया अनमोल जीवन
प्रेम अब छाया है मन के गाँव में
एक सुनहरा है कमल इस छाँव में
खुल के वो मुझसे मिली ये खिल गया
एक नया अनमोल जीवन
मेरे दिन में रात में आई बहार
वो जो आई साथ में लाई बहार-२
दिल जो गया तो दर्द भी शामिल गया-२
एक नया अनमोल जीवन
धन्यवाद् मित्र इस गाने के बोल पेश करने के लिए
मेरी ओर से भी एक ग़ैर फ़िल्मी गीत तलत साहब कि आवाज़ में पेश-ए-खिदमत है, मुलाहेज़ा फ़रमाइयेगा
raat andheri, dur kinara
Non-film
lyrics : Bharat Vyas
Music: V.Balsara
size: 4.3 mb
duration:00:03:26
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format: mp3
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with lyrics in Hindi fonts:
रात अंधेरी, दूर किनारा,
कोई नहिं है अपना सहारा
ईतनी बडी दुनिया है मगर,
ईस दुनिया में है कौन हमारा
रात अंधेरी, दूर किनारा,
कोई नहिं है अपना सहारा
आंसू मिले हमें बदले खुशी के,
ग़म हि मिला हमको बदले में प्यार के
क्याथी ख़ता, मेरे मालिक बता दो,
कांटे बने आज गूल ये बहार के
उजडा है घर, ले कौन ख़बर,
नहीं आता नज़र,किस्मत का सितारा
रात अंधेरी, दूर किनारा,
कोई नहिं है अपना सहारा
ढलने लगा दिन, जलने लगा दिल,
साथी सब ही चल दिये मूख़डे मोड के
प्यासी नज़र है,प्यासा जिगर है,
कोइ चल दिल को प्यासा ही छोड के
राह रुकी है ,पाँऊ थके है,
आस मिटी,नहिं हिम्मत हारा
रात अंधेरी, दूर किनारा,
कोई नहिं है अपना सहारा
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